Itihaas Ke Kuch Anjane Panne (Hindi) Hardcover by Bimal Mitra

Itihaas Ke Kuch Anjane Panne (Hindi) Hardcover
Hardcover
Publisher: Prabhat Prakashan; First edition (25 February 2015)
Language: Hindi
ISBN-13: 978-9351860990
Buy: 207.00
M.R.P.:    350.00

 PRABHAT PRAKASHAN BOOK

इतिहास का प्रत्यक्ष उत्थान-पतन राष्ट्र की गति है। कभी यह पिछड़ जाता है, कभी उपयुक्त नेता का नेतृत्व पाकर प्रगति करता है। लेखक ने अपने मोटे-मोटे उपन्यासों में इतिहास के भाग्यविधाता की अमोघ लीला का ही वर्णन किया है। उन्होंने यही दिखाया है कि नाव जब तक पानी के ऊपर है, विपदा नहीं है। नाव के ऊपर पानी आने पर ही विपदा शुरू होती है। देश-सेवा के लिए रुपए-पैसे की जरूरत होती है, पर रुपए-पैसे के लिए देश-सेवा करना विपदा को, मुश्किलों को जन्म देती है.

प्रस्तुत उपन्यास द्वय में से पहले उपन्यास 'इतिहास के कुछ अनजाने पन्ने' का आधार एक छोटा निम्न वर्गीय परिवार है। इस परिवार की एक युवती को लेकर जब तारक और अलकेश में खींचा-तानी शुरू हुई, तभी उनका देश-प्रेम, अलौकिक त्याग, सबकुछ झूठा हो गया। वे अपने आदर्श से चूक गए। अपने एक ही ध्येय के प्रति निष्ठा और समर्पण के बिना कोई व्यक्ति या देश अपने आदर्श तक नहीं पहुँच सकता। यही है इस उपन्यास की मुख्य कथावस्तु.
दूसरे उपन्यास 'प्रेम और राजनीति' में यह बताने का प्रयास किया है कि अंग्रेजों ने भारत को उपनिवेश बनाकर किस प्रकार लूटा और लूट के इस माल से कैसे खुद धन्नासेठ बन गए

 http://www.amazon.in/Itihaas-Ke-Kuch-Anjane-Panne/dp/935186099X/ref=sr_1_121?s=books&ie=UTF8&qid=1502954417&sr=1-121&keywords=prabhat+prakashan


Itihaas Ke Kuch Anjane Panne (Hindi) Hardcover
Hardcover
Publisher: Prabhat Prakashan; First edition (25 February 2015)
Language: Hindi
ISBN-13: 978-9351860990
Buy: 207.00
M.R.P.:    350.00

 http://www.amazon.in/Itihaas-Ke-Kuch-Anjane-Panne/dp/935186099X/ref=sr_1_121?s=books&ie=UTF8&qid=1502954417&sr=1-121&keywords=prabhat+prakashan

इतिहास का प्रत्यक्ष उत्थान-पतन राष्ट्र की गति है। कभी यह पिछड़ जाता है, कभी उपयुक्त नेता का नेतृत्व पाकर प्रगति करता है। लेखक ने अपने मोटे-मोटे उपन्यासों में इतिहास के भाग्यविधाता की अमोघ लीला का ही वर्णन किया है। उन्होंने यही दिखाया है कि नाव जब तक पानी के ऊपर है, विपदा नहीं है। नाव के ऊपर पानी आने पर ही विपदा शुरू होती है। देश-सेवा के लिए रुपए-पैसे की जरूरत होती है, पर रुपए-पैसे के लिए देश-सेवा करना विपदा को, मुश्किलों को जन्म देती है.

प्रस्तुत उपन्यास द्वय में से पहले उपन्यास 'इतिहास के कुछ अनजाने पन्ने' का आधार एक छोटा निम्न वर्गीय परिवार है। इस परिवार की एक युवती को लेकर जब तारक और अलकेश में खींचा-तानी शुरू हुई, तभी उनका देश-प्रेम, अलौकिक त्याग, सबकुछ झूठा हो गया। वे अपने आदर्श से चूक गए। अपने एक ही ध्येय के प्रति निष्ठा और समर्पण के बिना कोई व्यक्ति या देश अपने आदर्श तक नहीं पहुँच सकता। यही है इस उपन्यास की मुख्य कथावस्तु.
दूसरे उपन्यास 'प्रेम और राजनीति' में यह बताने का प्रयास किया है कि अंग्रेजों ने भारत को उपनिवेश बनाकर किस प्रकार लूटा और लूट के इस माल से कैसे खुद धन्नासेठ बन गए

 http://www.amazon.in/Itihaas-Ke-Kuch-Anjane-Panne/dp/935186099X/ref=sr_1_121?s=books&ie=UTF8&qid=1502954417&sr=1-121&keywords=prabhat+prakashan


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